मधुमेह- कुछ संभावित प्रश्न | ||||||||||||
प्रश्न: मधुमेह क्या है ? उत्तर: रक्त में ग्लूकोज की मात्रा यदि एक निर्धारित सीमा से अधिक हो जाये तो उसे मधुमेह रोग (डायबिटिज) कहते हैं। रक्त में ग्लूकोज की मात्रा की मानक सीमा इस प्रकार है-
प्रश्नः रक्त में ग्लूकोज क्यों बढ़ जाता है ? उत्तरः मधुमेह रोग में शरीर में इन्सुलिन आवश्यकता से कम बनने लगता है, एवं इन्सुलिन रिसेप्टर शिथिल पड़ने लगते हैं। फलस्वरूप ग्लूकोज समुचित रूप से जल कर ऊर्जा में परिवर्तित नहीं हो पाता, इस कारण ग्लूकोज रक्त में बढ़ जाता है। प्रश्नः ब्लड शुगर एवं मूत्र शुगर क्या अलग-अलग बीमारियाँ हैं ? उत्तरः मूल बीमारी रक्त में ग्लूकोज (शुगर) का बढ़ना होता है। जब रक्त ग्लूकोज एक सीमा से अधिक बढ़ जाता है तो शरीर उससे छुटकारा पाने के लिए गुर्दों के माध्यम से मूत्र में त्यागना शुरू कर देता है। मूत्र में ग्लूकोज का न होना मधुमेह रोग न होने का प्रमाण नहीं है। प्रश्नः क्या यह समयबद्ध रोग है? उत्तरः नहीं! यह जीवन भर का रोग है। प्रश्नः बढ़े रक्त ग्लूकोज से क्या हानि है? इसे नियंत्रित करना क्यों आवश्यक है? उत्तरः बढ़ा हुआ रक्त ग्लूकोज रक्त की रासायनिक गुणवत्ता को प्रभावित करता है। बढ़ा हुआ ग्लूकोज रक्त नलियों की भीतरी दीवार की कोशिकाओं को धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त करता है। इस प्रक्रिया में रोगी को किसी प्रकार का दर्द अथवा कष्ट नहीं होता और वह इससे बेखबर रहता है। एक सीमा से अधिक क्षति होने पर नाजुक अंगों यथा- आंख के पर्दे, हृदय, मस्तिष्क के कार्य प्रभावित होने लगते हैं, और तब रोगी को इसका आभास होता है और वह चेतता है, किन्तु तब तक काफी देर हो चुकी होती है। यदि रक्त ग्लूकोज को निर्धारित सीमा के अन्दर नियंत्रित न रखा जाए तो यह शरीर के प्रत्येक अंग को प्रभावित करता है-शारीरिक कष्ट हो अथवा नहीं। प्रश्नः इसके लक्षण क्या होते हैं ? उत्तरः इसके निम्न लक्षण हो सकते हैं-
प्रश्नः मधुमेह नियंत्रण का क्या मतलब है ? उत्तरः रक्त ग्लूकोज को सामान्य के आस-पास रखना चाहिए। विभिन्न वैज्ञानिक शोधों से यह निर्विवादित रूप से सिद्ध हो चुका है कि यदि रक्त ग्लूकोज को नियंत्रित रखा जाये तो इस रोग से होने वाले विभिन्न जटिलताओं से लंबे अरसे तक बचा जा सकता है। प्रश्नः चिकित्सा का उद्देश्य क्या है ? उत्तरः चिकित्सा के निम्नलिखित उद्देश्य है:
प्रश्नः चिकित्सा के क्या उपाय हैं ? उत्तरः मधुमेह चिकित्सा के लिए हमारे पास पांच हथियार हैं:
प्रश्नः मधुमेह रोगी को किस तरह का भोजन लेना चाहिए ? उत्तरः मधुमेह रोगी का भोजन ऐसा होना चाहिए जो रक्त ग्लूकोज को बढ़ाने से रोके एवं रोग पर अनुकूल प्रभाव डाले। भोजन पौष्टिक होना चाहिए जिसमें कार्बोहाइड्रेट एवं रेशे, प्रचुर मात्रा में हों। भोजन की मात्रा भी शारीरिक श्रम के अनुसार नियंत्रित होना चाहिए। प्रश्नः व्यायाम ? उत्तरः यूँ तो व्यायाम की महत्ता स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी है, किन्तु मधुमेह रोग में इसकी विशेष भूमिका होती है। व्यायाम करने से शरीर का वजन कम होता है, पैरों में रक्त का संचार बढ़ता है, हृदय पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है और रक्त ग्लूकोज को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। इन सबसे ऊपर आत्म विश्वास बढ़ता है। प्रश्नः मधुमेह रोग में दवाओं की क्या भूमिका है ?उत्तरः सबसे पहले यह अच्छी प्रकार समझ लेना चाहिए कि दवायें, भोजन एवं व्यायाम का विकल्प नहीं है। दवाओं के नम्बर सदैव इनके बाद आता है। चूंकि मधुमेह रोग शरीर की इन्सुलिन की कमी के कारण है, अतः यदि किसी प्रकार इन्सुलिन की मात्रा बढ़ाई जा सके तो इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। रोगी को सीधे इन्सुलिन दिया जा सकता है, किन्तु यह केवल ‘सूई’ के रूप में ही उपलब्ध है। इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाने का दूसरा तरीका खाने की दवायें हैं। प्रश्नः मधुमेह रोगी को किस-किस जांच की आवश्यकता होती है ?उत्तरः रक्त में बढ़ा हुआ ग्लूकोज पूरे शरीर को प्रभावित करता है, अतः प्रारम्भिक अवस्था में पूरे शरीर की जांच कराना आवश्यक होता है, जिसमें रक्त ग्लूकोज, ग्लाइकोसाइलेटेड हीमोग्लोबिन, रक्त वसा, मूत्र परीक्षण, हृदय, नेत्र परीक्षण इत्यादि जांच कराये जाते हैं। प्रश्नः रक्त ग्लूकोज के जाँच में किन बातों का ध्यान रखा जाये ?उत्तरः रक्त ग्लूकोज के जाँच में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जायेः
प्रश्नः हाईपोग्लासीमिया क्या होता है ? उत्तरः रक्त में ग्लूकोज की मात्रा एक सीमा से कम होने लगे (50 मिग्रा प्रतिशत) तो उसे हाईपोग्लाइसीमिया कहते हैं। इस अवस्था में रोगी का मस्तिष्क ठीक ढंग से काम नहीं करता है, उसे घबराहट, बेचैनी, पसीना होने लगता है। रोगी के आस-पास के लोगों को लगता है कि रोगी ने कोई नशा कर रखा है। ऐसी हालत में तत्काल ग्लूकोज या शर्करायुक्त भोजन न दिया जाये तो रोगी बेहोश हो जाता है, और दिमाग अपूर्णीय रूप से क्षतिग्रस्त हो सकता है। अतः मधुमेह रोगियों के दवा की मात्रा अपने आप नहीं घटाना-बढ़ाना चाहिए और न ही बिना डाक्टरी सलाह के उपवास रखना चाहिए। याद रखें मधुमेह रोग दीर्घकालिक रोग है और इसके नियंत्रण में आपकी भूमिका सर्वाधिक है। सुनी सुनाई बातों पर न जाकर अपनी हर शंका का समाधान अपने चिकित्सक से करें और दीर्घकालिक क्रियाशील जीवन जीयें। प्रश्नः इन्सुलिन का इंजेक्शन कब दिया जाता है ?उत्तरः इन्सुलिन की आवश्यकता रोगी को दो अवस्थाओं में होती है। पहली अवस्था वह होती है जब खाने की दवायें अपने अधिकतम खुराक में भी प्रभावी नहीं रहती है, यानी की पैंक्रियास ग्रन्थि लगभग पूर्ण रूप से काम करना बंद कर देती है। ऐसी अवस्था में रोगी को जीवनपर्यन्त इन्सुलिन लेना पड़ता है। दूसरी अवस्था वह होती है, जहां रोगी का रक्त ग्लूकोज खाने की गोलियों या भोजन व्यायाम के माध्यम से नियंत्रण में रहता है, किन्तु कुछ ऐसे कारण उत्पन्न हो जाते हैं जब शरीर को अधिक इन्सुलिन की आवश्यकता पड़ती है, यथा शल्य क्रिया, गर्भावस्था, संक्रामक रोग इत्यादि। ऐसी अवस्था में रोगी को कुछ समय के लिए इन्सुलिन दिया जाता है और उस अवस्था के समाप्त होने पर रोगी पुनः खाने की दवा पर चला जाता है। प्रश्नः एक बार इन्सुलिन सूई लें तो सदैव इन्सुलिन की सूई लेने की आदत पड़ जाती है। यह कहां तक सत्य है ? उत्तरः यदि शरीर को किसी चीज की आवश्यकता है तो उसे शरीर को देना पड़ेगा अन्यथा शरीर सुचारू रूप से कार्य नहीं करेगा। जैसे शरीर के लिए भोजन एक अनिवार्यता है तो हम नियमित भोजन करते हैं और कभी यह प्रश्न नहीं करते हैं कि हमें भोजन की आदत पड़ जायेगी, उसी प्रकार यदि शरीर अपनी आवश्यकता के अनुसार समुचित इन्सुलिन का निर्माण नहीं कर पाता तो उसे बाहर से देना पड़ेगा इसमें आदत पड़ने जैसी कोई बात नहीं है। प्रश्न: भोजन शरीर के लिए क्यों आवश्यक है ?उत्तर: हमारा शरीर एक मशीन है, जिससे हम विभिन्न कार्य लेते हैं। किसी भी कार्य को करने के लिये ऊर्जा (Energy) की आवश्यकता होती है और ऊर्जा के लिये ईंधन की। भोजन ईंधन का काम करता है। शरीर रूपी मशीन में हुई टूट-फूट की मरम्मत के लिए भी भोजन की आवश्यकता होती है। मानव जीवन की तीन मूलभूत आवश्यकतायें रोटी, कपड़ा और मकान होते हैं। बिना भोजन के कोई भी जीव लम्बे काल तक जीवित नहीं रह सकता। हमें क्या और कितना खाना चाहिए, यह जानना अत्यन्त आवश्यक हो जाता है, क्योंकि अधिकांश बीमारियां गलत आहार के कारण उत्पन्न होती हैं। प्रश्न: भोजन के मुख्य घटक क्या होते हैं और उनकी क्या महत्ता है ?उत्तर: भोजन के निम्न घटक होते हैं:-
प्रश्न: कैलोरी क्या होती है? उत्तर: कैलोरी ऊर्जा का माप है। हम शारीरिक श्रम में जो ऊर्जा खर्च करते हैं या भोजन से जो ऊर्जा प्राप्त करते हैं उसे कैलोरी कहते हैं। प्रश्न: किसी व्यक्ति को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता है, इसका निर्धारण कैसे करते हैं? उत्तर: सबसे पहले यह ज्ञात करते हैं कि उस व्यक्ति का आदर्श वजन कितना होना चाहिए। आदर्श वजन: पुरूष: कद (सेमी. में) - 105 = वजन किग्रा. में स्त्री : कद (सेमी. में) - 107 = वजन किग्रा. में उदाहरण के लिए किसी पुरूष का कद 170 सेमी. है तो उसका आदर्श भार=170-105=65 किग्रा. होना चाहिए। इसके पश्चात् शरीर के लिये मूलभूत (Basic) ऊर्जा की आवश्यकता निकालते हैं। अब यदि व्यक्ति शिथिल जीवन शैली जीता है तो मूलभूत आवश्यकता का एक बटे तीन, यदि औसत जीवन शैली जीता है तो एक बटे दो और यदि अत्यधिक श्रम करता है तो उतनी ऊर्जा और उसमें जोड़ देते हैं। उदाहरण के लिए व्यक्ति का जीवन 70 किलो है तो:- उसकी मूलभूत आवश्यकता 70 x 22 = 1540 कैलोरी शिथिल जीवन शैली 1540 + (1540/3) = 2055 कैलोरी साधारण जीवन शैली 1540 + (1540/2) = 2310 कैलोरी अत्यधिक श्रमयुक्त जीवन शैली 1540 + 1540 = 3080 कैलोरी यदि व्यक्ति आदर्श भार से अधिक वजन का है तो उसे उपरोक्त विधि से निकाली गई ऊर्जा से कम ऊर्जा का भोजन देते हैं, ताकि शरीर में संचित ऊर्जा खर्च की जा सके। प्रश्न: भोजन में कैलोरी की मात्रा का निर्धारण होने के पश्चात् विभिन्न घटकों से कितनी ऊर्जा ली जाये, इसका क्या अनुपात होना चाहिए? उत्तर: भोजन में ऊर्जा के साथ-साथ विभिन्न घटकों के अनुपात को भी ध्यान में रखना आवश्यक होता है। भोजन में 60-65 प्रतिशत ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट, 15-20 प्रतिशत प्रोटीन एवं 15-20 प्रतिशत वसा से प्राप्त होनी चाहिए। भोजन में रेशे की मात्रा समुचित होनी चाहिए, इस के लिए चोकर युक्त आटा, हरी सब्जी, सलाद एवं सम्पूर्ण फल का सेवन करना चाहिए। |
Dr.Hariharan Ramamurthy.M.D. pl check www.indiabetes.net Big Spring,TX ,79720 ALL THING INTERESTING
Wednesday, August 17, 2016
मधुमेह- कुछ संभावित प्रश्न
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
డయాబెటిస్ స్వీయ-నిర్వహణ కు ముఖ్యమైన అడ్డంకులు 1) డయాబెటిస్ గురించి పరిజ్ఞానం మరియు అవగాహన లేకపోవడం 2) ఒక నిర్దిష...
-
Amazon’s about-face just highlights the overall complexity of this industry. Experts who truly understand all the sides of this business ar...
-
Approximate to Lisinopril 5mg Equivalent to Lisinopril 10mg Approximate to Lisinopril 20mg Approximate to Lisinopril 40mg Approximate to L...
No comments:
Post a Comment